
राजस्थान उच्च न्यायालय ने गुरुवार को सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करते हुए एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। यह फैसला पेपर लीक मामले में गंभीर आरोपों के आधार पर सुनाया गया है। कोर्ट ने कहा कि जब प्रश्नपत्र पूरे प्रदेश में विखंडित और ब्लूटूथ गिरोह तक पहुंच जाएगा, तो भर्ती प्रक्रिया मान्य नहीं हो सकेगी। न्यायालय ने इस मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
RPSC स्टाफ पर गंभीर आरोप
याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर एडवोकेट मेजर आरपी सिंह, हरेंद्र नील और ओमप्रकाश सोलंकी ने पैरवी की।
याचिकाकर्ता के वकील हरेंद्र नील ने बताया कि अदालत ने अपने आदेश में आरपीएससी के छह सदस्यों की सहमति को भी शामिल किया है। इतना ही नहीं, यहां तक कि आरोपी बाबूलाल कटारा तत्कालीन चेयरमैन के आवास पर पाए गए, जहाँ वे कथित तौर पर यह सुनिश्चित करने पहुँचे थे कि ताकि कुछ उम्मीदवारों को लाभ दिलाया जा सके।
भर्ती को रद्द करने का निर्णय अदालत ने इन नियुक्तियों से जुड़े गंभीर तथ्यों के आधार पर लिया है । यह फैसला जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने सुनाया।
एकलपीठ जस्टिस समीर जैन का फैसला
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश समीर जैन की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है। SI भर्ती परीक्षा पेपर लीक केस में फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद SI भर्ती पर संकट गहराया। यह परीक्षा 859 पदों के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर द्वारा आयोजित की गई थी। 2023 के विधानसभा चुनाव में यह बड़ा मुद्दा बना। बीजेपी ने पेपर लीक मामले की जांच उठाई थी और उसके बाद भजनलाल सरकार ने सत्ता संभालते ही इसकी जांच के लिए समिती का गठन किया।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने पक्ष रखा।
सफल अभ्यर्थियों की नौकरियाँ
सीनियर वकील आरएन मथुरा और सीनियर वकील तनवीर अहमद ने तर्क दिया कि कुछ लोगों की गलती के लिए पूरी सामान्य भर्ती को रद्द नहीं किया जाना चाहिए। हालाँकि, अदालत ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला दिया।
याचिकाकर्ता आवेदन परीक्षा – आयु सीमा में छूट
उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि 2021 की 1015 (859) विज्ञप्तियां 17 जुलाई 2025 को जारी की गईं जिसमें नए विज्ञापन जुड़ेंगे।
सबसे अहम बात – 2021 में परीक्षा देने वाले वे सभी अभ्यर्थी अब आयु सीमा को पार कर चुके हैं, वे भी नई भर्ती में शामिल हो सकेंगे।
SOG की कार्रवाई जारी
SOG जी प्रमुख वीके सिंह ने बताया कि करीब 700 अभ्यर्थी पेपर लीक के जरिए पास हुए थे। इनमें से 55 ट्रेनी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। 70–80 पर शिकायतें लंबित हैं।और कई आरोपी अब भी फरार हैं। उन्होंने कहा कि जांच और कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
राजनीतिक बयानबाजी
इस फैसले पर राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज हो गई।
आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल और भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा में क्रेडिट लेने की होड़ लग गई।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि सरकार इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच (DB) में अपील करेगी।
उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अब भाजपा नेता उनसे सलाह मांग रहे हैं कि आगे क्या करना चाहिए।