
आज के समय में वाई-फाई (Wi-Fi) हमारी ज़िंदगी का अहम हिस्सा है। मोबाइल, लैपटॉप और स्मार्ट टीवी – सभी इंटरनेट से जुड़ने के लिए वाई-फाई का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आपने सोचा है कि यह बिना तार के कैसे चलता है? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
वाई-फाई क्या है?
दरअसल, वाई-फाई एक वायरलेस नेटवर्क तकनीक है। यह रेडियो तरंगों (Radio Waves) की मदद से इंटरनेट सिग्नल को डिवाइस तक पहुँचाती है। साथ ही, इसका पूरा नाम Wireless Fidelity है।
वाई-फाई कैसे काम करता है?
सबसे पहले, इंटरनेट आपके घर या ऑफिस तक ब्रॉडबैंड केबल या फाइबर से पहुँचता है।
इसके बाद, यह तार राउटर (Router) से जुड़ता है। राउटर उस तार वाले इंटरनेट को रेडियो सिग्नल में बदल देता है।
साथ ही, यह सिग्नल 2.4 GHz और 5 GHz फ्रीक्वेंसी पर काम करता है।
आखिर में, मोबाइल, लैपटॉप या स्मार्ट टीवी में लगे Wi-Fi Receiver इन सिग्नलों को पकड़ लेते हैं और इंटरनेट चलने लगता है।
बिना तार चलने का रहस्य
असल रहस्य यही है कि इंटरनेट को तारों की बजाय रेडियो तरंगों से भेजा और प्राप्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, जिस तरह एफएम रेडियो स्टेशन से आवाज़ आपके मोबाइल तक पहुँचती है, उसी तरह वाई-फाई भी डेटा को आपके डिवाइस तक पहुँचाता है।
वाई-फाई के फायदे
तारों की ज़रूरत नहीं होती
एक साथ कई डिवाइस जुड़ सकते हैं
तेज़ और आसान कनेक्शन
मोबाइल और स्मार्ट गैजेट्स के लिए सुविधाजनक
निष्कर्ष
संक्षेप में, वाई-फाई एक ऐसी तकनीक है जो तार वाले इंटरनेट को रेडियो तरंगों में बदलकर वायरलेस तरीके से आपके डिवाइस तक पहुँचाती है। इसी वजह से यह बिना तार के भी काम करता है और हमें इंटरनेट इस्तेमाल करने की पूरी आज़ादी देता है।